SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

Chalisa is a forty-verse prayer focused on a specific Hindu God or Goddess. The verses of a Chalisa glorify the functions and deeds in the deities. It is made up of verses praying on the Lord for ending sorrow inside our life and provides peace, health and fitness, and prosperity.

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान Shiv chaisa भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी Shiv chaisa जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में shiv chalisa lyricsl डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

शिव भजन

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